संवत् 2078 से दो पंचांगों में सुधार का मिला आश्वासन परशुराम महासभा को दो दिनी ब्राह्मण महाकुंभ सम्पन्न
नब्बे वर्ष पूर्व 13 जनवरी 1930 को पंचांग प्रवर्तक समिति के सभापति विद्याभूषण पं. दीनदयाल शास्त्री चुलैट ने पूरे पांच माह गहन अध्ययन, सलाह, विचार मंथन के बाद इन्दौर के महाराजा होलकर के गृह सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद पंचांग भेद को लेकर इन्दौर में एक बार फिर 28 दिसंबर 2019 को विचार मंथन हुआ। जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, ज्योतिष भूषण एवं पंचांग निर्माता पं. आनंदशंकर व्यास (उज्जैन), पं. अजय शर्मा शास्त्री, पं. आशीष शर्मा (नीमच) से पं. विजय अड़ीचवाल ने प्रत्यक्ष भेंटकर इस संबंध में गहन विचार-विमर्श किया। सभी के विचारों का समावेश कर सारभूत रिपोर्ट श्री परशुराम महासभा द्वारा इन्दौर में 28-29 जनवरी को आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ में पं. विजय अडीचवाल ने प्रस्तुत की। उज्जैन के पंचांग निर्माता ज्योतिष भूषण पं. आनंदशंकर व्यास व इन्दौर के प्रकांड ज्योतिषार्य वेदमूर्ति पं. शिवचरण जोशी, यज्ञाचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री, कुंडाचार्य पं. भागीरथ शास्त्री, पं. पुरुषोत्तम शास्त्री, पं. रामचन्द्र शर्मा वैदिक, पं. कौशल किशोर पाण्डे, पं. विनायक पाण्डे मंच पर उपस्थित थे
__पं. आनंदशंकर व्यास ने पं. विजय अडीचवाल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की अनुशंसा की। उन्होंने विद्वानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान युग में पंचांग पर आधारित तिथियों के बजाए कैलेंडर से अधिक काम चल रहा है। अधिकांश लोग हमारी हिन्दू तिथियों को जानते ही नहीं हैं। हम खुद ही हमारे तिथि और पर्यों की संस्कृति की अवहेलना करेंगे तो यह दुर्भाध्यपूर्ण स्थिति है। हम रात को दिन नहीं मानते, लेकिन अंग्रेजी संस्कृति के चलते हम रात्रि को भी डे मानने लगे हैं। इन सबके बावजूद यह निर्विवाद तथ्य है कि विकास की सम्पूर्ण धुरी ब्रह्म तत्व पर ही निर्भर है। ब्रह्म तत्व में आज भी ऐसे विद्वान हैं, जो समाज और देश को नई दिशा दे सकते हैं। अंग्रेजी स्कूलों में हैलो-हाय की विकृति को हम इसी तरह पनपाते रहे तो बच्चे हाथ से निकल जाएंगे। उन्होंने सामूहिक विवाह को शास्त्र विरुद्ध बताया। पं. व्यास ने कहा कि जहां तक तिथियों में भिन्नता का मामला है, हमारा देश 8 से 36 आक्षांश तक फैला हुआ है। हमारे यहां सूर्योदय और उदयकाल की गणना में भिन्नता स्वाभाविक है। उन्होंने नववर्ष गुड़ी पडवा को मनाने का आह्वान किया। जन्मदिन भी तिथि से मनाने के अनेक उदाहरण दिए। पं. व्यास ने आगामी वर्षों में नारायण विजय व महाकाल पंचांगों को और अधिक सरल बनाने का आश्वासन दिया। पं. रामचन्द्र शर्मा वैदिक, पं. विनायक पांडे, पं. केके पाण्डे ने इन्दौर से एक पंचांग प्रकाशित करने का निर्णय लेने का सुझाव दिया। कुछ विद्वानों और श्री परशुराम महासभा की ओर से पं. आनंदशंकर व्यास (उज्जैन) व पं. अजय शर्मा नीमच से उक्त भ्रांतियां दूर कर दोनों पंचांगों में एकरूपता लाने का आह्वान किया है।
मंच पर उपस्थित अनेक विद्वानों में से कुछ ने नीमच से प्रकाशित निर्णय सागर पंचांग का निर्माण आधार जोधपुर की बजाए उज्जैन की कालगणनानुसार करने का आग्रह किया है। साथ ही स्टेडर्ड टाइम भी उज्जैन को आधारित मानकर प्रकाशित किया जाए। एक ही तिथि में नीमच व उज्जैन के स्टैण्डर्ड टाइम में 17 मिनट का अन्तर भ्रम उत्पन्न करने वाला है। अतः इस विसंगति को दूर करने का विद्वानों ने पंचांग निर्माताओं से किया है। श्री परशुराम महासभा की इन्दौर जिला इकाई के तत्वावधान में अन्नपूर्णा रोड स्थित नटराज नगर में दो दिवसीय ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन 2829 दिसंबर को सम्पन्न हुआ। परशुराम महासभा के प्रदेशाध्यक्ष पं. वीरेन्द्र शर्मा, जिला अध्यक्ष एवं सम्मेलन संयोजक पं. संजय मिश्रा, महामंत्री पं. गोविंद शर्मा, कोषाध्यक्ष पं. शैलेन्द्र जोशी ने आयोजन की कमाल संभाल रखी थी। पं. गणेश शास्त्री, पं. राकेश भटेले, पं. आदित्य पाराशर एवं अम्बिकाधाम बालीपुर के बाबा योगेश्वर के निर्देशन में 2338 विद्वानों, बटुकों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पहले दिन प्रातः सभी विद्वानों और बटुकों ने संध्या, गणेश पूजन, रूद्राभिषेक, विष्णु पूजा एवं परशुरामजी की पूजा विधि विधान से की। चार वेदों की पद्धति से चार प्रकार की संध्या की गई।
वेद ध्वनि से पांडाल सहित समूचा क्षेत्र गूंज उठा। इस दौरान उज्जैन, महेश्वर, हरिधाम, धरावराधाम, बागली, कन्नौद, कांटाफोड़ तथा इन्दौर की अनेक संस्कृत पाठशालाओं से आए बटुक सम्मेलन में शामिल हुए। पं. रामजीलाल शिवशंकर खरे, पं. पवन शर्मा, पं. वेदप्रकाश शर्मा, पं. रवीन्द्र शास्त्री, पं. पीयूष शर्मा, पं. मुकेश आचार्य, पं. दिलीप शास्त्री, पं. रमेश शर्मा, पं. गौरीशंकर शर्मा. पं. प्रद्युम्न दीक्षित, पं. सोहन शर्मा आदि के नेतृत्व में उक्त कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। __- इसके बाद ज्योतिष भूषण पं. आनंदशंकर व्यास के मुख्य आतिथ्य में दो पर्व, दो तिथि, दो उत्सव तथा मत मतान्तर पर गहन विचार विमर्श हुआ। इस दौरान मंच पर इन्दौर के प्रख्यात देवज्ञ पं. शिवचरण जोशी, यज्ञाचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री, कुंडाचार्य पं. भागीरथ शास्त्री, पं. रामचन्द्र शर्मा वैदिक, पं. केके पाण्डे, पं. विनायक पाण्डे, पं. ओमप्रकाश शर्मा, पं. पुरुषोत्तम शास्त्री उपस्थित थे। चार वेदों के मंत्रों से मंगलाचरण से कार्यक्रम शुरू हुआ। पं. विनायक पाण्डे, पं. रामचन्द्र शर्मा वैदिक, पं. केके पाण्डे, पं. दिलीप सोहनी (महेश्वर), पं. सुभाष शास्त्री (ओंकारेश्वर) ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। पं. विजय अडीचवाल ने मत मतांतर के संबंध में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती तथा पंचांग निर्माता पं. आनंदशंकर व्यास उज्जैन, पं. अजय शर्मा शास्त्री (नीमच) से हुई विस्तृत चर्चा की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को भू देवों ने आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का संचालन पं. बालकृष्ण शास्त्री ने किया। आभार पं. गणेश शास्त्री ने माना। भोजन पश्चात द्वितीय सत्र में उद्योगपति पं. मालीराम शर्मा यवतमाल के मुख्य आतिथ्य और उद्योगपति पं. राधेश्याम शर्मा (गुरुजी ठंडाई) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस दौरान पं. नीलेश त्रिवेदी, सहायक प्रबंधक एमएसई, पं. शैलेष तिवारी, पं. कमल शर्मा, पं. विकास पगारे, श्यामा त्रिवेदी, पं. भावेश मुद्गल, एचडीएफसी बैंक, पं. राजेश शर्मा, पं. संदीप शर्मा. पं. विकास अवस्थी ने युवाओं को सम्बोधित किया। धार के हास्य कवि पं. संदीप शर्मा ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम का संचालन पं. आशुतोष शर्मा ने किया। पं. संजय मिश्रा ने आभार व्यक्त किया। दूसरे दिन मातृशक्ति सशक्तिकरण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके पूर्व प्रतिभाशाली बच्चों ने नाट्य व नृत्य प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम की सूत्रधार पूनम मिश्रा, मोनिका शर्मा, वर्षा शर्मा, शुभांगी पारुलकर, अनिल व्यास, प्रवीणा अग्निहोत्री थीं। पूर्व लोकसभ महाजन, पूर्व महापौर डॉ. उमाशशि शर्मा, पं. राधेश्याम शर्मा (गुरुजी ठंडाई), पं. रामहरि शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए। समापन सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद पं. प्रतापभानु शर्मा थे। विधायक पं. रवि जोशी खरगोन ने अध्यक्षता की। इस मौके पर राजगिरीजी महाराज नागा बाबा ने श्री परशुराम महासभा को छह बीघा भूमि दान करने की घोषणा की। इस मौके पर विधायक पं. रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक पं. अश्विन जोशी, कांग्रेस प्रवक्ता पं. भंवर शर्मा, पं. कैलाश पांडे महू, भगवताचार्य रुक्मिणी देवी, ग्रीष्मा त्रिवेदी, पल्लवी व्यास, अदिति शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर पत्रकारों, प्रतिभाशाली छात्रों, उत्कृष्ट कार्य करने वाले खिलाड़ी, वरिष्ठ समाजसेवी, नित्य संध्या करने वाले विद्वानजनों को अतिथियों ने सम्मानित किया।